dhaincha seeds subsidy in haryana :- हरियाणा सरकार किसानों की आय बढ़ाने और मिट्टी की सेहत सुधारने के लिए एक खास पहल लेकर आई है। इस योजना के तहत किसानों को हरी खाद तैयार करने के लिए मूंग और ढैंचा की खेती पर भारी सब्सिडी दी जा रही है। गर्मी के मौसम में जब खेत खाली रहते हैं, तब मूंग और ढैंचा उगाकर किसान अपनी मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ा सकते हैं और धान या अन्य फसलों की बेहतर पैदावार ले सकते हैं। ये आर्गेनिक खाद काम करते हैं। जिससे खेतों में उर्वरा शक्ति मजबूत होती है।
🌱 हरी खाद क्या है और क्यों है जरूरी?
हरी खाद ऐसे पौधों से बनाई जाती है जिन्हें खेत में उगाकर फिर मिट्टी में पलट दिया जाता है। इससे मिट्टी में जैविक तत्व, नाइट्रोजन, और सूक्ष्म पोषक तत्वों की भरपाई होती है।
हरी खाद के फायदे:
- मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।
- पानी धारण करने की क्षमता में सुधार आता है।
- रासायनिक खाद पर निर्भरता घटती है।
- अगली फसल की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ती है।
- पर्यावरण के लिए सुरक्षित और टिकाऊ विकल्प है।
🎯 योजना का उद्देश्य
- हरियाणा में हरी खाद को प्रोत्साहित करना।
- किसानों को कम लागत में जैविक खेती की ओर बढ़ाना।
- भूमि की गुणवत्ता और फसलों की उत्पादकता में सुधार करना।
सब्सिडी विवरण: मूंग और ढैंचा बीज पर
बीज का नाम | अधिकतम सीमा | सब्सिडी प्रतिशत | किसान को देना होगा |
---|---|---|---|
ढैंचा | 120 किलो / 10 एकड़ | 80% | 20% राशि |
मूंग | 5 एकड़ तक | 75% | 25% राशि |
बीज की खरीद हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्रों से ही करनी होगी।
🧑🌾 किसान कैसे करें आवेदन?
✅ आवेदन प्रक्रिया:
- ऑनलाइन आवेदन करें:
agriharyana.gov.in पर जाएं। - जरूरी दस्तावेज अपलोड करें:
- आधार कार्ड
- वोटर आईडी कार्ड
- जमीन का विवरण (पट्टा/खसरा नंबर)
बीज केंद्र से बीज प्राप्त करें।
- ढैंचा बीज के लिए 20% और मूंग बीज के लिए 25% राशि जमा करनी होगी।
कृषि विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद बीज मिलेगा।

📅 बुआई का समय और खेती विधि
ढैंचा और मूंग की खेती कैसे करें?
चरण | विवरण |
---|---|
बुआई का समय | मई माह में (गेहूं की कटाई के बाद) |
बीज मात्रा | प्रति एकड़ 10 किलो |
सिंचाई | हल्की सिंचाई करें |
फसल की पलटाई | जून के आखिरी सप्ताह से जुलाई तक |
अगली फसल | हरी खाद के बाद धान या अन्य खरीफ फसल की बुआई करें |
जब ढैंचा या मूंग के पौधे 2 से 2.5 फीट ऊंचे हो जाएं, तब उन्हें खेत में पलटकर मिट्टी में मिला देना चाहिए।
🧾 योजना की महत्वपूर्ण शर्तें
- योजना केवल हरियाणा राज्य के किसानों के लिए है।
- बीज केवल हरियाणा बीज विकास निगम से खरीदना अनिवार्य है।
- एक किसान को अधिकतम 10 एकड़ (ढैंचा) और 5 एकड़ (मूंग) के लिए सब्सिडी दी जाएगी।
- योजना का लाभ एक सीमित समय के लिए है, पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर।
📍 कहाँ से लें और किससे संपर्क करें?
बीज प्राप्ति केंद्र:
- हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्र
संपर्क सूत्र:
विवरण | जानकारी |
---|---|
टोल फ्री नंबर | 1800-180-2117 |
वेबसाइट | agriharyana.gov.in |
स्थानीय संपर्क | अपने ब्लॉक या जिले के कृषि अधिकारी से संपर्क करें |
🔁 हरी खाद के बाद अगली फसल में होगा फायदा
हरी खाद के रूप में मूंग या ढैंचा की फसल मिट्टी को बहुत सारे लाभ देती है। इसके बाद किसान धान, मक्का, बाजरा, या अन्य खरीफ फसल की बेहतर पैदावार ले सकते हैं। इससे न केवल रासायनिक खाद की जरूरत कम होती है बल्कि उत्पादन लागत भी घटती है।
💡 सुझाव और सावधानियाँ
- समय पर बीज की बुआई करें ताकि हरी खाद का अधिकतम लाभ मिल सके।
- अच्छी किस्म के प्रमाणित बीज ही लें।
- खेत की जुताई और पलटाई अच्छे से करें।
- कृषि अधिकारी की सलाह जरूर लें।
📝 निष्कर्ष
हरियाणा सरकार की यह योजना किसानों को कम लागत में मिट्टी सुधारने का शानदार अवसर देती है। मूंग और ढैंचा की खेती न केवल मिट्टी की सेहत को बेहतर बनाती है, बल्कि अगली फसल की पैदावार को भी बढ़ाती है। योजना का लाभ उठाकर किसान जैविक खेती की दिशा में बड़ा कदम उठा सकते हैं और अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं।
हरी खाद योजना का लाभ कौन-कौन ले सकता है?
हरियाणा राज्य के वे किसान जो मूंग या ढैंचा की खेती करना चाहते हैं।
इस योजना में कितनी सब्सिडी मिलती है?
मूंग पर 75% और ढैंचा पर 80% तक की सब्सिडी मिलती है।
आवेदन कहाँ और कैसे करना है?
agriharyana.gov.in वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है।
बीज कहाँ से प्राप्त होगा?
हरियाणा बीज विकास निगम के बिक्री केंद्रों से बीज वितरित किया जाएगा।
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