agriculture drone training :- एग्री ड्रोन में अच्छा करियर, सरकार 10वीं पास युवाओं को 9300 रुपये में ड्रोन ट्रेनिंग और लाइसेंस दे रही
आज के समय लोगों के लिए कृषि क्षेत्र में भी बेहतरीन कैरियर ऑप्शन है। और दूसरे सेक्टर की तुलना में एग्रीकल्चर भी लोगों को रोजगार दे रहा है। एग्रीकल्चर से जुड़े लोग आज अच्छी कमाई कर रहे हैं। यदि आप भी 10 वीं पास हैं और एग्रीकल्चर सेक्टर में बेहतरीन करियर बनाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें। यहाँ आपको सही जानकारी दी जायेगी।
सरकार द्वारा एग्रीकल्चर ड्रोन ट्रेनिंग एवं पढ़ाई।
पहले की तुलना में आज के समय अधिक लोग कृषि क्षेत्र में अपना कैरियर बना रहे हें। कृषि में आधुनिक उपकरणों उपयोग हो रहा है। पहले की तुलना में आज के समय की खेती पूरी तरह से बदल गई है अब लोग बिना मशीनों की खेती नहीं कर पाएंगे। खेतों में फसलों की बुआई से लेकर फसलों की कटाई तक कई प्रकार के कृषि यंत्रों का उपयोग हो रहा है। अब तो लोग एग्रीकल्चर ड्रोन का उपयोग भी खूब कर रहे हैं।
खेती में एग्रीकल्चर ड्रोन के इस्तेमाल और इसके फायदे को देखते हुए एग्रीकल्चर ड्रोन की ट्रेनिंग के साथ-साथ पाठ्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं। एग्रीकल्चर ड्रोन ट्रेनिंग के लिए राजस्थान सरकार ,हरियाणा सरकार ,एवं उत्तर प्रदेश सरकार अपने यहाँ के कृषि विश्वविद्यालय और केंद्रीय संस्थान युवाओं को एग्रीकल्चर ड्रोन का ट्रेनिंग और पढाई करवा रहे हैं।
10वीं पास के लिए कृषि ड्रोन ट्रनिंग
सरकार द्वारा युवाओ को कृषि से जोड़ने के लिए और उन्हें रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए कई सारे योजनाये चलाये जा रहे हैं। इसी तरह 10 पास युवाओं के लिए भी कृषि ड्रोन की ट्रेनिंग युवाओं को दिया जा रहा है। जिससे ये युवा किसान अपने क्षेत्रों में रख कर भी कृषि से अच्छी कमाई कर सके। एग्रीकल्चर ड्रोन ट्रेनिंग के लिए राज्य सरकार अपने यहाँ से सरकारी कृषि विश्वविद्यालय और केंद्रीय संस्थानों में ट्रेनिंग उपलब्ध करा रही है।
प्राइवेट सेक्टर में कृषि ड्रोन ट्रेनिंग।
कृषि में एग्रीकल्चर ड्रोन की उपयोग को देखते हुए। बहुत सारे प्राइवेट संस्थान भी एग्रीकल्चर ड्रोन की ट्रेनिंग और पढ़ाई करवा रहे हैं। हालाँकि प्राइवेट संस्थान में एग्रीकल्चर ड्रोन ट्रेनिंग की फीस अधिक होती है। बहुत सारे युवा ऐसे भी हैं तो आज प्राइवेट संस्थान एग्रीकल्चर ड्रोन ट्रेनिंग कर रहे हैं।
एग्रीकल्चर ड्रोन क्या है एग्रीकल्चर ड्रोन की आवश्यकता क्यों पड़ी?
एग्रीकल्चर ड्रोन के प्रकार का ड्रोन है जिसे खासतौर पर कृषि के कामों के लिए तैयार किया गया है। पहले लोग खेतों की जुताई से लेकर फसलों की कटाई तक किसी ना किसी कृषि उपकरण का उपयोग कर रहे हैं। खेतों में फसलों को किट पतगों से बचाने के लिए किसानों को हाथ वाले स्प्रे पम्प का उपयोग करना पड़ता है। ये स्प्रे पम्प किसानों को पीठ पर लादकर किसानों को खेत में स्प्रे करना पड़ता है। जिससे किसानों को कई प्रकार के श्वास संबधित बीमारी होती है। साथ ही साथ चमड़े का रोग भी होता है। एग्रीकल्चर ड्रोन के उपयोग से किसानों को किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं होती है। पहले एक एकड़ स्प्रे करने करने में किसानों को एक से दो दिन का समय लगता था। और मजूदरों की भी आवश्यकता होती थी। लेकिन एग्रीकल्चर ड्रोन के उपयोग से किसान मात्र 7 से 10 मिनट के अंदर एक एकड़ में पूरी तरह से स्प्रे कर सकते हैं।
ड्रोन का खेती में इस्तेमाल और फायदे | krishi drone ke fayden ?
आइये जानते एग्रीकल्चर ड्रोन के फायदे के बारे में
- एक एकड़ खेत में मात्र 7 से 10 मिनट में पूरी तरह से स्प्रे किया जा सकता है।
- एग्रीकल्चर ड्रोन से लेबर ,पैसा और समय की बचत होती है।
- एग्रीकल्चर ड्रोन के जरिये फसलों पर कीटनाशकों का सटीक छिड़काव किया जाता है।
- एग्रीकल्चर ड्रोन से एक बराबर स्प्रे होता है। किसान स्प्रे का स्पीड कम या ज्यादा भी कर सकते हैं।
- कृषि ड्रोन के जरिये लिक्वीड फ़र्टिलाइज़र ,नैनो यूरिया का छिड़काव करने में आसानी होती है।
- कृषि ड्रोन जरिये किसान एक दिन में 10 खेतों में आसानी से स्प्रे कर सकता है।
- एग्रीकल्चर ड्रोन के जरिये फसलों में होने वाले बिमारियों पता पहले लगया जा सकता है।
- एक एग्रीकल्चर ड्रोन से किसान महीने के 30 से 40 हजार की कमाई आसानी से कर सकता है।
एग्रीकल्चर ड्रोन ट्रेनिंग कौन-कौन ले सकते हैं।
सरकार द्वारा कृषि विश्वविद्यालय के सहयोग से किसानों को सस्ते दर पर एग्रीकल्चर ड्रोन के ट्रेनिंग का इंतजाम किया गया है। सीएसए कृषि विश्वविद्यालय (Chandra Shekhar Azad University of Agriculture) में कृषि ड्रोन ट्रेनिंग दिया जा रहा है। जिसमें 10th पास युवा ,किसान ,NGO ,FPO ,सहकारी संस्थान, या कृषि से जुड़ें संगठन के सदस्य ट्रेनिंग ले सकेंगे।
agriculture drone training rajasthan :- सरकार केवल 9,300 रुपये में ड्रोन ट्रेनिंग कोर्स करा रही
हाल में ही राजस्थान सरकार दवरा 10वीं पास किसानों को ड्रोन पायलट बनाने की ट्रेनिंग शुरू कर दिया गया है। राज्य के कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर (SKN AGRICULTURE UNIVERSITY JOBNER) में 6 दिनों की आवासीय ट्रेनिंग का आयोजन किया गया है। सरकार द्वारा चयनित किसानों को मात्र 9,300 रूपये में ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दिया जा रहा है। जिसमें किसानों को 5000 हजार रूपये ट्रेनिंग के लिए खर्च करने होंगे। जबकि 4300 रूपये आवास और खाने पर खर्च करने होंगे। जबकि इसी ट्रेनिंग का फीस बिना सरकारी छूट के 50,000 हजार रूपये निर्धारित है। वैसे सभी आवेदक जिन्हें ट्रेनिंग करना है। वे इच्छुक आवेदक ऑनलाइन राज किसान साथी पोर्टल या राज किसान सुविधा ऐप के जरिए आवेदन कर सकते हैं. जबकि, ऑफलाइन अपने जिले के कृषि विभाग या सीधे कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में आवेदन में जाकर आवेदन कर सकते हैं।
ड्रोन ट्रेनिंग के बाद नौकरी और कमाई के अवसर
एग्रीकल्चर ड्रोन ड्रोन ट्रेनिंग के बाद युवा महीने 40 हजार रूपये तक कमाई आसानी से कर सकते हैं। उन्हें सरकारी कृषि कार्यालय और प्राइवेट संस्थान में भी नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे। निजी कंपनियों में उन्हें निजी कंपनियों में ड्रोन ऑपरेटर के रूप में सर्वेयर, मैपिंग के तौर पर नौकरी हासिल की जा सकती है. निजी ड्रोन कंपनियों में भी अच्छे पैकेज पर नौकरी मिल सकता है।
ड्रोन दीदी योजना के जरिये महिलाओं को भी ड्रोन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिससे वे अच्छी कमाई कर सकें।
साराँश
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