fruit ki kheti subsidy in bihar : भारत के किसानों में बागवानी और विदेशी फलों की खेती को लेकर उत्साह बढ़ रहा है। अधिकाँश किसान अब पारंपरिक फसलों से हटकर उच्च मूल्य वाले फलों की खेती करने का रुख कर रहे हैं। जिनमें ड्रैगन फ्रूट (कमलम) की खेती जोर पकड़ रही है। ड्रैगन फ्रूट की खेती में बहुत ही कम पानी की आवश्यकता होती है। इसमें औषधीय गुण होने के कारण बाज़ारों में इसकी मांग तेजी बढ़ रही है।हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेंगलुरु में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले किसानों से संवाद कर इस फसल की खेती को बढ़ावा देने पर विचार कर रहे हैं।
🔶 ड्रैगन फ्रूट: क्या है यह फल?
ड्रैगन फ्रूट को हिंदी में कमलम कहा जाता है। बहुत ही कम पानी में उगने वाले ड्रैगन फ्रूट कैक्टस प्रजाति है। ड्रैगन फ्रूट के फलों का रंग बाहर से गुलाबी होता है। और अंदर का रंग सफ़ेद या लाल होता है। जिसमें छोटे-छोटे काले बीज होते हैं। ड्रैगन फ्रूट बहुत ही स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसीलिए मार्केट में इस फल की अधिक डिमांड है।

🔶 ड्रैगन फ्रूट की खेती से मुनाफा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि—
- ड्रैगन फ्रूट की खेती के पहले दो वर्षों तक किसानों को ज्यादा मुनाफा नहीं होता क्योंकि यह समय पौधे को विकसित होने में लगता है।
- तीसरे साल से उत्पादन शुरू होता है, और एक एकड़ में 6 से 7 लाख रुपये तक का मुनाफा कमाया जा सकता है।
- इसकी उपज और मांग लगातार बढ़ रही है जिससे यह किसानों के लिए एक लाभकारी विकल्प बन चुका है।
🔶 ड्रैगन फ्रूट की खेती: लागत और आय का विश्लेषण
बिंदु | विवरण |
---|---|
भूमि की आवश्यकता | 1 एकड़ |
प्रारंभिक निवेश | ₹3 से ₹4 लाख |
पहली दो साल की देखभाल | खाद, सिंचाई, ट्रीलिस सिस्टम |
उत्पादन प्रारंभ | तीसरे वर्ष से |
प्रति एकड़ उपज | लगभग 8 से 10 टन |
बाजार भाव | ₹100 से ₹150 प्रति किलो |
संभावित मुनाफा | ₹6 से ₹7 लाख प्रति एकड़ |
🔶 ड्रैगन फ्रूट की खेती के लाभ
- कम पानी की जरूरत: यह फसल शुष्क क्षेत्रों में भी अच्छी होती है।
- लंबे समय तक फल देता है: एक बार लगाए गए पौधे 20 साल तक उत्पादन देते हैं।
- बीमारियों से बचाव: इसमें कीट और रोग कम लगते हैं।
- बाजार में ऊंची मांग: विदेशी बाजारों में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।
- औषधीय गुण: यह एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होता है और डायबिटीज, ब्लड प्रेशर आदि में लाभदायक होता है।
🔶 कृषि मंत्री का किसानों से संवाद
8 मई को, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु में ड्रैगन फ्रूट और टमाटर की खेती करने वाले किसानों से मुलाकात की। उन्होंने किसानों के साथ अनुभव साझा किए और कहा कि—
“कृषि नवाचार के जरिए किसान अब 6 से 7 लाख तक मुनाफा कमा रहे हैं। ड्रैगन फ्रूट जैसे फल देश के कृषि परिदृश्य को बदलने में सक्षम हैं।”

🔶 MIS योजना: किसानों को मिलेगा फसल का सही मूल्य
“बाजार हस्तक्षेप योजना” (Market Intervention Scheme – MIS) के तहत सरकार ने यह व्यवस्था की है कि अगर किसानों को उनके क्षेत्र में फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा हो, तो वे उसे अन्य राज्यों या बड़े शहरों में भेज सकते हैं।
🔶 टमाटर की खेती में भी है मुनाफा
कृषि मंत्री ने टमाटर के खेतों का भी दौरा किया और बताया कि—
- कई बार भाव गिरने के बावजूद किसान प्रति एकड़ 3 से 4 लाख रुपये तक कमा रहे हैं।
- उचित योजना, वैज्ञानिक जानकारी और बाज़ार प्रबंधन से यह संभव है।
🔶 वैज्ञानिकों की भूमिका और सरकार की रणनीति
- सरकार ‘लैब से लैंड’ तक की अवधारणा को बढ़ावा दे रही है।
- वैज्ञानिक अब गांवों में जाकर स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार फसल की किस्म, उर्वरक, और विधियों की जानकारी दे रहे हैं।
- नकली बीज, खाद और कीटनाशकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए कानून बनाया जा रहा है।
🔶 ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे करें?
1. भूमि का चयन:
- जल निकासी अच्छी होनी चाहिए
- रेतीली दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है
2. पौधारोपण:
- पौधे को सीमेंट के खंभों या ट्रेलिस पर सहारा दिया जाता है
- प्रति एकड़ 1700 से 2000 पौधे लगाए जाते हैं
3. सिंचाई:
- ड्रिप सिंचाई सर्वोत्तम रहती है
- बहुत अधिक पानी हानिकारक हो सकता है
4. खाद एवं देखभाल:
- गोबर खाद, वर्मी कम्पोस्ट और जैविक खाद उपयोगी
- साल में दो बार फल आता है
🔶 ड्रैगन फ्रूट के प्रमुख उत्पादक राज्य:
- महाराष्ट्र
- गुजरात
- कर्नाटक
- ओडिशा
- तेलंगाना
- आंध्र प्रदेश
- बिहार (अब धीरे-धीरे इसका विस्तार हो रहा है)
🔶 बाजार और निर्यात की संभावनाएं
ड्रैगन फ्रूट की माँग भारत ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में बहुत तेजी से बढ़ रही है । चीन, वियतनाम, थाईलैंड जैसे देश पहले ही ड्रैगन फ्रूट का निर्यात कर रहे हैं। लेकिन भारत में भी इसकी खेती होने से ड्रैगन फ्रूट में आत्मनिर्भर हो रहे हैं।
🔷 निष्कर्ष:
ड्रैगन फ्रूट की खेती भारतीय किसानों के लिए कमाई का एक नया जरिया बन रहा है। इसकी फसल तैयार करने में किसान को बहुत ही कम मिटटी ,पानी ,खाद,बीज की आवश्यकता होती है। जिससे इसकी खेती किसानों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा किसानों के साथ किया गया संवाद न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह दर्शाता है कि सरकार और वैज्ञानिक समुदाय मिलकर भारतीय कृषि को एक नई ऊंचाई पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं।
🔶 सुझाव:
यदि आप भी ड्रैगन फ्रूट की खेती करना चाहते हैं, तो पहले स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या बागवानी विभाग से संपर्क करें। मिट्टी की जांच कराएं और वैज्ञानिक सलाह लें। साथ ही Agroranto App जैसे प्लेटफार्मों से जुड़कर आप अपने फल को बेहतर बाजार तक पहुंचा सकते हैं।
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