bihar papita vikas subsidy yojna :- बिहार सरकार लगातार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए नई-नई योजनाएँ लागू कर रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक है पपीता क्षेत्र विस्तार योजना 2025। इस योजना का उद्देश्य राज्य के चयनित 22 जिलों में पपीता की खेती को बढ़ावा देना, किसानों की आय में वृद्धि करना और कृषि उत्पादकता को दोगुना करना है। पपीता एक ऐसा फल है जिसकी मांग पूरे साल बनी रहती है और इसके औषधीय एवं पोषण गुणों के कारण इसका व्यापारिक मूल्य भी अधिक है।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि पपीता क्षेत्र विस्तार योजना 2025 के तहत किसानों को क्या लाभ मिलेगा, किस प्रकार से आवेदन करना है, पात्रता क्या होगी और इससे जुड़े सभी जरूरी बिंदु।
bihar papita vikas yojna subsidy 2025 योजना का मुख्य उद्देश्य
- पपीता की खेती का क्षेत्र विस्तार करना।
- राज्य के 22 जिलों में पपीते के बाग लगाने को प्रोत्साहित करना।
- प्रति हेक्टेयर उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करना।
- किसानों की आमदनी बढ़ाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना।
- ग्रामीण क्षेत्रों में फल आधारित उद्योग एवं रोजगार के नए अवसर पैदा करना।
bihar papita subsidy yojna 2025 किन जिलों में मिलेगा योजना का लाभ?
इस योजना का लाभ बिहार राज्य के केवल 22 जिलों को मिलेगा। इन जिलों की सूची इस प्रकार है:
क्रमांक | जिला का नाम | क्रमांक | जिला का नाम |
---|---|---|---|
1 | भोजपुर | 12 | खगड़िया |
2 | बक्सर | 13 | मुजफ्फरपुर |
3 | गोपालगंज | 14 | नालंदा |
4 | जहानाबाद | 15 | पश्चिम चम्पारण |
5 | लखीसराय | 16 | पटना |
6 | मधेपुरा | 17 | पूर्वी चम्पारण |
7 | बेगूसराय | 18 | पूर्णिया |
8 | भागलपुर | 19 | सहरसा |
9 | दरभंगा | 20 | समस्तीपुर |
10 | गया | 21 | मधुबनी |
11 | कटिहार | 22 | वैशाली |
papita kshetr vistar yojna योजना के अंतर्गत दी जाने वाली भूमि का लाभ
- न्यूनतम 0.25 एकड़ (0.1 हेक्टेयर) भूमि पर योजना का लाभ मिलेगा।
- अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) तक पपीता की खेती के लिए किसान लाभ उठा सकते हैं।
papita kshetr vistar yojna पपीता की खेती हेतु लागत एवं अनुदान
पपीता क्षेत्र विस्तार योजना के तहत सरकार किसानों को खेती की लागत का एक बड़ा हिस्सा सब्सिडी के रूप में देगी।
- प्रति हेक्टेयर इकाई लागत : ₹75,000
- भारत सरकार की ओर से अनुदान : 40%
- राज्य सरकार की ओर से टॉप-अप सहायता : 20%
- कुल अनुदान : 60% (₹45,000 प्रति हेक्टेयर)
- अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा।
किस्तों का विवरण
किस्त | प्रतिशत | राशि (प्रति हेक्टेयर) |
---|---|---|
प्रथम किस्त | 60% | ₹27,000 |
द्वितीय किस्त | 40% | ₹18,000 |
papita kshetr vistar yojna पौधों की संख्या एवं दूरी
- पपीता की खेती के लिए पौधों की दूरी 2×2 मीटर रखनी होगी।
- प्रति हेक्टेयर 2500 पौधे लगाए जाएंगे।
papya subisdy bihar पात्रता शर्तें
पपीता क्षेत्र विस्तार योजना का लाभ केवल उन्हीं किसानों को मिलेगा जो निम्न शर्तों को पूरा करेंगे:
- किसान बिहार राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
- आवेदक के पास अपनी जमीन होनी चाहिए।
- भूमि स्वामित्व प्रमाण-पत्र आवश्यक है।
- दो वर्ष की अधतन राजस्व रसीद/ऑनलाइन अधतन रसीद
- वंशावली प्रमाण
- गैर-रैयत किसान एकरारनामा के आधार पर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- प्रत्येक वर्ष 30% महिला किसानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
Papaya subsidy online apply आवेदन की प्रक्रिया
- इच्छुक किसान सबसे पहले योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- वहां उपलब्ध पंजीकरण फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें।
- आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें:
- आधार कार्ड
- भूमि स्वामित्व प्रमाण
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
- मोबाइल नंबर
- आवेदन सबमिट करने के बाद आवेदन संख्या प्राप्त करें।
- आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक की जा सकती है।
भुगतान की प्रक्रिया
- किसानों को सब्सिडी की राशि डीबीटी (DBT) के तहत सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी।
- भुगतान SNA SPARSH पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
पपीता की खेती से किसानों को लाभ
- कम समय में उत्पादन : पपीता की फसल 8-10 महीने में फल देना शुरू कर देती है।
- अधिक आय : एक हेक्टेयर से लगभग 35-40 टन उत्पादन संभव है।
- उद्योग में उपयोग : पपीते का उपयोग दवा, सौंदर्य प्रसाधन, जूस, जैम, कैंडी आदि में होता है।
- निर्यात की संभावना : पपीते की अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग है।
- स्वास्थ्य लाभ : पपीता विटामिन A, C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है।
पपीता खेती से जुड़ी चुनौतियाँ
- पौधों में रोग व कीट का प्रकोप।
- खराब मौसम से उत्पादन प्रभावित होना।
- बाजार में भाव स्थिर न होना।
- किसानों को तकनीकी जानकारी की कमी।
समाधान एवं सुझाव
- रोग प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
- समय-समय पर जैविक और रासायनिक दवाओं का प्रयोग करें।
- बेहतर सिंचाई और जल निकासी व्यवस्था रखें।
- Agroranto App के माध्यम से किसान कृषि यंत्र किराए पर लेकर अपनी खेती की लागत घटा सकते हैं।
पपीता क्षेत्र विस्तार योजना और Agroranto का योगदान
आज के समय में खेती के लिए सबसे बड़ी समस्या है महंगे कृषि यंत्र। हर किसान इन्हें खरीदने में सक्षम नहीं होता। इसी समस्या का समाधान है Agroranto App।
- Agroranto App से किसान पपीता की खेती के लिए आवश्यक कृषि यंत्र किराए पर ले सकते हैं।
- Agroranto Partner App के जरिए ग्रामीण क्षेत्र के वेंडर अपने यंत्र किराए पर देकर आय कमा सकते हैं।
- इससे किसानों की लागत कम होगी और समय पर खेतों की तैयारी, बुवाई और देखभाल हो सकेगी।
👉 पपीता की खेती में ट्रैक्टर, वाटर पंप, पावर स्प्रेयर, मल्चिंग मशीन आदि की जरूरत होती है, जिन्हें किसान Agroranto से आसानी से बुक कर सकते हैं।
निष्कर्ष
पपीता क्षेत्र विस्तार योजना 2025 बिहार सरकार की एक अत्यंत महत्वाकांक्षी योजना है। यह योजना न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद करेगी बल्कि राज्य में फल उत्पादन को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी। सरकार द्वारा दी जा रही 60% सब्सिडी किसानों को पपीता की खेती अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।
साथ ही, Agroranto App के उपयोग से किसान खेती की लागत कम कर सकते हैं और आधुनिक कृषि यंत्रों का लाभ उठाकर अपनी उत्पादकता को दोगुना कर सकते हैं।
पपीता क्षेत्र विस्तार योजना 2025 का लाभ किन जिलों में मिलेगा?
बिहार के 22 चयनित जिलों के किसान इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
एक किसान अधिकतम कितने क्षेत्र तक लाभ ले सकता है?
अधिकतम 5 एकड़ (2 हेक्टेयर) तक किसान योजना का लाभ ले सकते हैं।
papita kshetr vistar yojna सरकार कितनी सब्सिडी देगी?
प्रति हेक्टेयर ₹75,000 लागत पर किसानों को 60% यानी ₹45,000 सब्सिडी दी जाएगी।
papita kshetr vistar yojna भुगतान कैसे किया जाएगा?
किसानों को सब्सिडी की राशि DBT के तहत सीधे बैंक खाते में मिलेगी।
Agroranto App से किसानों को क्या फायदा होगा?
किसान खेती के लिए जरूरी कृषि यंत्र किराए पर लेकर लागत घटा सकते हैं और उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
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